कोरबा। गोढ़ी में रहने वाली एक महिला ने नौकरी का झांसा देकर विकासखंड पाली के भंडारखोल में रहने वाली एक अन्य महिला जानकुंवर और उसके परिचितों स...
कोरबा। गोढ़ी में रहने वाली एक महिला ने नौकरी का झांसा देकर विकासखंड पाली के भंडारखोल में रहने वाली एक अन्य महिला जानकुंवर और उसके परिचितों से 10 लाख 55 हजार रुपए ठग लिया। कई माह गुजर गए लेकिन परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिली, न ही महिला ने राशि लौटाई। तब यह मामला कोरबा के सिविल लाइन थाना पहुंचा। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि विकासखंड पाली के भंडारखोल में रहने वाली महिला जानकुंवर कोरबा के रिस्दी में किराए के मकान में रहती है। वर्ष 2021 में जानकुंवर की ड्यूटी सिपेट स्याहीमुड़ी में लगी थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात सुनीता यादव से हुई थी जो वहां भृत्य का काम करती थी। सुनीता से जानकुंवर की पहचान हुई थी। इसके ठीक एक साल बाद कोविड की दूसरी लहर में जानकुंवर की फिर से सिपेट में ड्यूटी लगी।
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सुनीता और जानकुंवर की फिर से मुलाकात हुई। उनके बीच बातचीत आगे बढ़ी तो सुनीता ने अपनी सहेली संजू कुर्रे के बारे में बताया जो गोढ़ी में रहती है। सुनीता ने बताया कि संजू की रायपुर मंत्रालय में अधिकारियों के बीच अच्छी पकड़ है। सुनीता ने जानकुंवर से कहा कि वह उसकी नौकरी लगवा सकती है। जानकुंवर सुनीता की बातों में आ गई और उसने हामी भर दी।
जानकुंवर ने अपने लिए नौकरी की बात तो की ही, पति के लिए पटवारी, भाई के लिए सबइंस्पेक्टर और अन्य रिश्तेदारों के लिए भी बातचीत किया। संजू के झांसे में आकर जानकुंवर अपने पति के साथ गोढ़ी स्थित संजू के मकान पहुंची और उसे 50 हजार रुपए एडवांस दिया। इसके कुछ दिन बाद और पैसे लेने-देने का सिलसिला शुरू हुआ।
अलग-अलग तिथियों पर जानकुंवर और उसके परिवार के सदस्यों ने 6 लाख 76 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिया। यही नहीं जानकुंवर के परिचितों ने भी पैसे ट्रांसफर किए। इस तरह 10 लाख 55 हजार रुपए संजू को प्रदान की गई पर नौकरी नहीं मिली। ठगी का पता चलने पर परिवार ने केस दर्ज करा दिया है। पुलिस जांच कर रही है।
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