Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

Pages

बड़ी ख़बर

latest

उप संचालक कृषि ने डी.ए.पी. के विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का उपयोग फसलवार करने की दी सलाह

  अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डी.ए.पी. की कीमत तेजी से बढ़ने और भारत में इसकी आपूर्ति काफी हद तक अन्य देशों के आयात पर निर्भर होने की वजह से डी....

 


अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डी.ए.पी. की कीमत तेजी से बढ़ने और भारत में इसकी आपूर्ति काफी हद तक अन्य देशों के आयात पर निर्भर होने की वजह से डी.ए.पी. की कमी बनी हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर द्वारा खरीफ वर्ष 2022-23 में वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग कर डीएपी की कमी को दूर करने किसानों को सलाह दी गई है। उप संचालक कृषि ने बताया कि फसलवार उर्वरक अनुशंसा के आधार पर विकल्प हो सकते हैं। इनमंे धान और मक्का फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 40ः24ः16 (नाईट्रोजन 40, फास्फोरस 24, पोटाश 16) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया एक बोरी(50 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (20ः20ः0ः13) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) और पोटाश (27 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (65 कि.ग्रा.), एन.पी.के. (12ः32ः16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (50 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया दो बोरी (100 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट तीन बोरी (150 कि.ग्रा.), पोटाश 27 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक किं्वटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग में लाया जा सकता है।

 खरीफ दलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 8ः20ः8 (नाइट्रोजन 8,फास्फोरस 20,पोटाश 8) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा की आपूर्ति के लिए यूरिया 18 कि.ग्रा., पोटाश 14 कि.ग्रा., सिंगल सुपर फास्फेट ढाई बोरी (125 कि. ग्रा.) अथवा यूरिया पांच कि.ग्रा., एन.पी.के. (12ः32ः16) एक बोरी (50 कि.ग्रा.), पोटाश 14 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. के साथ ही वर्मी कंपोस्ट कम से कम एक किं्वटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता है। खरीफ तिलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी. के. (8ः20ः8) (नाइट्रोजन 8, फास्फोरस 20, पोटाश 8 कि.ग्रा. (सोयाबीन एवं मूंगफली) प्रति एकड़ आपूर्ति के लिए यूरिया (17 कि.ग्रा.) पोटाश (13 कि.ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट (125 कि.ग्रा.) के साथ वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक किं्वटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं। रामतील अनुशंसित पोषक तत्वों की मात्रा (12ः12ः8) कि.ग्रा. नत्रजन, स्फूर एवं पोटाश प्रति एकड़। इन पोषक तत्व की पूर्ति के लिए यूरिया 26 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 25 कि.ग्रा. एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 13 कि.ग्रा. का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट एक किं्वटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।


इसी तरह गन्ना फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन.पी.के. 120ः32ः24 (नाइट्रोजन 120, फास्फोरस 32, पोटाश 24) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए यूरिया पांच बोरी 5 बोरी (250 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (12ः32ः16) दो बोरी (100 कि.ग्रा.) एवं पोटाश (14 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया (260 कि.ग्रा.) सिंगल सुपर फास्फेट चार बोरी (200 कि.ग्रा.), पोटाश 40 कि.ग्रा. अथवा यूरिया (200 कि.ग्रा.) एन.पी.के. (20ः20ः0ः13) 03 बोरी (150 कि.ग्रा.) एवं पोटाश-40 कि.ग्रा. का उपयोग किया जा-सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम एक किं्वटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग करने की सलाह किसानों को कृषि विभाग द्वारा दी गई है। 

No comments