छत्तीसगढ़ में वाहन चालन कौशल में वृद्धि और सुरक्षित यातायात के लिए नवा रायपुर में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान...
छत्तीसगढ़ में वाहन चालन कौशल में वृद्धि और सुरक्षित यातायात के लिए नवा रायपुर में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान काफी मददगार साबित हो रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गत वर्ष 9 दिसम्बर 2021 को परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इसका शुभारंभ हुआ था। संस्थान में अब तक एक वर्ष की अवधि में 12 हजार से अधिक प्रशिक्षु वाहन चालन तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े हुए नियमों का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
किया जा रहा है। दिन-प्रतिदिन के यातायात प्रबंधन और दबाव स्थितियों को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए आईडीटीआर में प्रवर्तन अधिकारियों और यातायात पुलिस के लिए विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया। एमवी अधिनियम, सड़क नियमों और विनियमों पर तकनीकी प्रशिक्षण के अलावा, इन प्रशिक्षुओं ने संचार, बॉडी लैंग्वेज, तनाव प्रबंधन और प्रेरणा जैसे कौशल के निर्माण पर कक्षाएं लीं गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 378 से अधिक ट्रैफिक कांस्टेबल एवं अधिकारियो ने भाग लिया।
आईडीटीआर द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में न केवल राज्य के साथ-साथ देश भर के प्रशिक्षु भी भाग ले रहे हैं। इस तारतम्य में देश भर के 55 प्रशिक्षुओं ने ड्राइविंग कौशल और वाहन की तकनीकी जानकारी बढ़ाने के लिए 10 दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया। विशेष प्रशिक्षण के अलावा आईडीटीआर छत्तीसगढ़ में खनन प्रशिक्षण शुरू करने जा रहा है और उसे परिवहन सुविधा केंद्र का दर्जा भी सौंपा गया है यानी आईडीटीआर से संपर्क करने वाला एक साथ लर्निंग लाइसेंस और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। आईडीटीआर युवाओं को सड़क नियमों और विनियमों के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कई सड़क सुरक्षा संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
आईडीटीआर प्रमुख उद्देश्य के रूप में अनुसंधान गतिविधियों के संचालन पर केंद्रित है और यातायात उल्लंघन और उनके व्यवहार के प्रति ड्राइवरों के व्यवहार का अध्ययन कर रहा है। सड़क दुर्घटनाओं के प्रति सड़क उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर अनुसंधान भी प्रगति पर है। आईडीटीआर के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने, लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति संवेदनशील बनाने और इस तरह कौशल विकास और रोजगार दोनों को बढ़ाते हुए दुर्घटनाओं को कम करने में काफी मदद मिलेगी।
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