Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

Pages

बड़ी ख़बर

latest

डेयरी एवं पशुपालन नहीं रहा अब घाटे का सौदा: मुख्यमंत्री बघेल

    डेयरी एवं पशुपालन अब घाटे का सौदा नहीं रह गया हैं। गोबर बेचकर लोग अपने बाल बच्चों की पढ़ाई एवं वर-विवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बहुत ...

   


डेयरी एवं पशुपालन अब घाटे का सौदा नहीं रह गया हैं। गोबर बेचकर लोग अपने बाल बच्चों की पढ़ाई एवं वर-विवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बहुत सारे लोग तो गोठान से मिली आमदनी से ही काफी जायदाद बना लिये हैं। शुरूआती आशंका के बाद हमारी गोधन न्याय योजना ने न केवल देश में बल्कि विश्व में भी काफी लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में आयोजित अखिल भारतीय यादव महासभा के शताब्दी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

         मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भगवान श्रीकृष्ण की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यादव समाज के ईष्टदेव भगवान श्री कृष्ण के योगदान से दुनिया में कौन वाकिफ नहीं है। भगवत गीता के रूप में उनका संदेश युद्ध और शांति दोनों ही स्थिति में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सबसे पहले गोपालन को अपनाया। उनसे प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ की सरकार ने गोधन न्याय योजना लागू की है। ग्रामीण, किसानों और गरीबों के लिए इससे समृद्धि एवं खुशहाली के द्वार खुले हैं। सरकारी मदद एवं लोगों की मेहनत से गोपालन अब लाभ का व्यवसाय हो गया है। श्री बघेल ने बताया कि राज्य की कुल 11 हजार ग्राम पंचायतों में से 10 हजार में गोठान बन चुके हैं। इनमें 9 हजार गोठानों में गोबर खरीदी एवं कम्पोस्ट खाद का निर्माण भी चल रहा है। गोबर एवं कम्पोस्ट खाद बेचकर महिलाओं एवं गोपालकों ने लगभग 200 करोड़ रूपये की कमाई की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान निर्माण से राज्य में डेढ़ लाख एकड़ जमीन आरक्षित हो गई। लोगों ने शांतिपूर्वक गोठान निर्माण के लिए अतिक्रमण छोड़े। भविष्य में इनका और विस्तार किया जायेगा।

No comments