नई दिल्ली। अहमदाबाद से मुंबई को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है। इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि वह पूरे देश में...
नई दिल्ली। अहमदाबाद से मुंबई को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है। इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि वह पूरे देश में इसकी संभावनाओं पर विचार करेगी और उसके लिए स्टडी कराएगी। गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए अध्ययन शुरू करने का फैसला लिया है। फिजिबिलिटी स्टडी के तहत यह देखा जाएगा कि आखिर बुलेट ट्रेन चलाने का क्या रूट हो सकता है। कितनी जमीन की जरूरत होगी। कैसे ट्रैक का निर्माण होगा और कितना खर्च आएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘मेरी सरकार उन आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है, जिससे भारत विकसित देशों के सामने बराबरी से खड़ा हो सके।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन गलियारों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने का फैसला किया है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई के बीच ‘हाई-स्पीड रेल इकोसिस्टम’ का निर्माण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड गलियारा देश में पहला ‘कॉरिडोर’ है।
इस पर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और सूरत तथा वड़ोदरा में ठहराव के साथ पूरी दूरी केवल दो घंटे और सात मिनट में पूरी करेगी। परियोजना का निर्माण ‘नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ कर रहा है। उसने सूरत और बिलिमोरा के बीच परियोजना के पहले चरण के अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना जताई है। राष्ट्रपति ने कहा कि 10 वर्ष में देश के 21 शहरों तक मेट्रो सुविधाएं पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाई हैं।
मुर्मू ने कहा, ‘आज भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की गति में भी दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है।’ गौरतलब है कि अहमदाबाद से मुंबई तक चलने वाली ट्रेन पश्चिम भारत को जोड़ेगी। इसी तरह अब कोलकाता से दिल्ली समेत कई ऐसे रूटों पर ट्रेनें चलाने का प्लान है, जिससे देश के अहम शहरों की कनेक्टिविटी मजबूत हो सके।
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