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रायपुर एमआईसी की बैठक : निकाय परिसीमन का मुद्दा गरमाया

रायपुर। रायपुर नगर निगम मेयर काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। इसमें वार्डों के परिसीमन को लेकर चर्चा हो रही है। दरअसल, भाजपा सरकार ने नगरीय नि...

रायपुर। रायपुर नगर निगम मेयर काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। इसमें वार्डों के परिसीमन को लेकर चर्चा हो रही है। दरअसल, भाजपा सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव से पहले निकायों के परिसीमन की मंजूरी दी है। लेकिन कांग्रेस के पार्षद परिसीमन का विरोध कर रहे हैं। मेयर एजाज ढेबर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में चर्चा के बाद परिसीमन के विरोध में एजेंडा भी पास किया जा सकता है। कांग्रेस पार्षद दल का कहना है कि, नगर निगम एक्ट में वार्डों का 10 साल में परिसीमन होता है। जबकि 2019 में 4 साल पहले ही पुरानी जनगणना के हिसाब से शहर के 70 वार्डों का परिसीमन हो चुका है। अभी फिर से शासन की ओर से निकायों का परिसीमन क्यों कराया जा रहा है। वहीं, बैठक में मेयर और एमआईसी के सदस्य वार्डों के परिसीमन से संबधित जानकारी मांग रहे हैं। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि, वर्तमान स्थिति में वार्डों की कोई सीमा क्षेत्र घटा है और ना ही बढ़ा है। 2019 के समय रायपुर नगर निगम जो सीमा थी, वह आज भी है।

मेयर इन काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि, रायपुर नगर निगम में वार्डों की संख्या बढ़ी है ना ही रायपुर नगर निगम महानगर पालिका किया जा रहा है। अगर वार्डों की संख्या बढ़ती या रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका घोषित किया जाता तो परिसीमन जायज होता, लेकिन ऐसा नही हो रहा है।

वार्डों के परिसीमन विषय के अलावा कर्मचारियों की मेडिकल अलाउंस को लेकर भी बैठक में चर्चा हो रही है। इसके साथ ही शहर में दो करोड़ रुपए की नाल निर्माण को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

नगर निगम चुनाव से पहले राजधानी के सभी 70 वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक, नगर निगम को 24 जून से 8 जुलाई के बीच परिसीमन का काम पूरा करना है। इसके लिए 9 से 15 जुलाई तक परिसीमन का प्रारंभिक प्रकाशन कर लिया जाएगा। उसके बाद दावा-आपत्ति बुलाई जाएगी।

लोगों की ओर से आने वाली दावा-आपत्तियों का परीक्षण कर उनका निराकरण किया जाएगा। इसके साथ ही नए परिसीमन पर आवश्यक सुझाव मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया के बाद ही परिसीमन का अंतिम प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

तय शेड्यूल के अनुसार 18 जुलाई तक रायपुर कलेक्टर यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजेंगे और शासन से स्वीकृति के बाद नए परिसीमन के अनुसार निगम चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने परिसीमन के लिए निगम के अफसरों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है।

वार्ड की चारों दिशा से सीमाएं जांची जाएगी। वार्ड की जनसंख्या देखी जाएगी। उनमें मकान-दुकान की स्थिति। वहां रहने वाले लोगों की जाति अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़ों को विभाग को भेजा जाएगा। जरूरत पड़ने पर वार्ड के मोहल्लों को आस-पास के छोटे वार्ड में जोड़कर उनका वार्ड नंबर बदला जा सकता है।


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