कोण्डागांव। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 10 मार्च 2024 को ’’बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’’ की शुरूआत की गई है। कलेक्टर कुणाल दुदावत के निर्देशानु...
कोण्डागांव। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 10 मार्च 2024 को ’’बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’’ की शुरूआत की गई है। कलेक्टर कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार बाल विवाह मुक्त कोण्डागांव को सफल बनाने हेतु कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरूवार को जिले के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकरियों का प्रशिक्षण अयोजित किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी नरेन्द्र सोनी द्वारा बाल विवाह क्या है? बाल विवाह प्रतिषेध अधिनिमय 2006, बाल विवाह के कारण, बाल विवाह के रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान, आपातकालीन हेल्पलाईन सेवा, चाईल्डलाईन 1098 पर सूचना, बाल विवाह के लिए कानून, किन-किन पर चल सकता है मुकदमा, बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम हेतु विभाग एवं इस अधिनियम के तहत यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती के सबंधी विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। साथ ही यदि कोई व्यस्क पुरूष जो 21 वर्ष से अधिक आयु का है, बाल विवाह करता है तो उसे 2 वर्ष के लिए कठोर कारावास या एक लाख रूपये या दोनो का जुर्माना हो सकता है जैसे विभिन्न विषयों पर आवश्यक जानकारी दी गई। जिले के कई स्थानों पर घटित घटनाओं से भी अवगत कराया गया। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट मधु बघेल द्वारा बाल विवाह के कारण डिप्रेशन में गये बच्चों के संबंध में उनके साइकोलॉजी को कैसे जाने एवं उनके परामर्श पर जानकारी दिया गया। परियोजना अधिकारी संजय पोटावी द्वारा प्रशिक्षण में बाल विवाह के दुष्परिणाम, सजा के प्रावधान, शिशु मृत्युदर में वृद्धि, समाज में फैले कुरीतियां एवं अन्य विषयों पर जानकारी दिया गया।
शासन द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने हेतु सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों, पर्यवेक्षकों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रशिक्षण में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, परियोजना अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी-कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बाल देखरेख संस्था के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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