Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

Pages

बड़ी ख़बर

latest

सरगुजा की बैंक सखी बालेश्वरी बनीं ग्रामीण वित्तीय सशक्तिकरण की मिसाल

रायपुर,10 अक्टूबर 2025 बैंक सखी ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की एक प्रशिक्षित महिल...



रायपुर,10 अक्टूबर 2025 बैंक सखी ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की एक प्रशिक्षित महिला सदस्य होती है, जो सखी के रूप में काम करती है, वह बैंक के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है । सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम पंचायत लोसंगी की रहने वाली बालेश्वरी यादव बैंक सखी के रूप में कार्य कर रहीं हैं। उनके द्वारा पांच पंचायतों लोसंगी, लोसगा, रेमहला, लब्जी, कटिन्दा में लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाई जा रहीं हैं,  ग्रामीण उन्हें बैंक वाली दीदी कहते हैं। क्योंकि बैकिंग सम्बन्धी जिन कार्यों के लिए लोगों को पहले बैंक तक जाना पड़ता था, वो काम अब उनके गांव में ही हो जाते हैं। बैंक वाली दीदी गांव में आती हैं और लोगों के बैंकिंग लेन-देन के कार्य करके जाती हैं। 

बालेश्वरी यादव ने बताया कि वे वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, स्व- सहायता समूह की राशि का लेनदेन सहित अन्य बैंकिंग कार्य कर रहीं हैं। विगत पांच वर्षों में उन्होंने लगभग 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का लेनदेन किया है। बालेश्वरी बताती हैं कि वे अपने पुत्र के साथ लोसंगी में रहती हैं, इससे पहले उनकी आय का जरिया मेहनत मजदूरी था, मजदूरी से प्राप्त पैसों से ही गुजर-बसर करना पड़ता था। 

बैंक सखी बालेश्वरी गांव-गांव में पहुंचा रहीं हैं बैंकिंग सुविधाएं 

 उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में  जब गांव में स्व-सहायता समूह का गठन हुआ, तो मुझे भी उसमें सदस्य बनने की इच्छा हुई और मुझे रानी लक्ष्मी बाई स्व-सहायता समूह का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद मैंने ग्राम संगठन एवं क्लस्टर संगठन में भी अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके बाद सक्रिय महिला एवं आरवीके बुक कीपर का काम करने का भी मौका मिला। इसके बाद मुझे एनआरएलएम के द्वारा  बैंक सखी के बारे में बताया गया, इस कार्य के लिए मुझे काफी उत्सुकता हुई। हमें आरसेटी के द्वारा बैंक सखी का प्रशिक्षण दिया गया। 

वर्ष 2021 से मैंने बैंक सखी का काम करना शुरू किया, उन्होंने कहा कि इस कार्य से मुझे प्रतिमाह लगभग 15 हजार रुपए तक कमीशन मिल जाता है। बैंक सखी के कार्य से आर्थिक सशक्तिकरण के साथ मुझे समाज में अलग पहचान मिली है, वहीं लोगों की मदद करके बहुत खुशी मिलती है। लोगों को जब जरूरत होती है, तो वे स्वयं मुझे बुलाते हैं। वहीं बुजुर्गों, दिव्यांगजनों एवं जरूरतमंदों के घर पर भी मैं बैंकिंग सेवा प्रदान करती हूं।  उन्होंने बताया कि कियोस्क के माध्यम से अब तक लभगभ 513 ग्रामीणों के जनधन खाते खोले हैं। वहीं बीमा योजनाओं से भी हितग्राहियों को जोड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 713, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 556, अटल पेंशन योजना 600 हुए हैं।









No comments