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भूमि प्रबंधन के लिए देश के शीर्ष जिलों में ,बेमेतरा और सरगुजा ने बनाई जगह

  राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू के हाथों आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को भूमि सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही...

 


राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू के हाथों आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को भूमि सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही प्रदेश के दो जिलों सरगुजा और बेमेतरा को भी भूमि प्रबंधन और प्रशासन के लिए भूमि सम्मान प्लेटिनम सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी)  के मौजूदा चार घटकों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रदेश और दो जिलों को यह सम्मान मिला है। 


मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश को भूमि प्रबंधन के लिए सम्मान मिलना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। उन्होंने प्रदेश के राजस्व विभाग और सरगुजा तथा बेमेतरा जिला प्रशासन को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीआईएलआरएमपी अंतर्गत प्रदेश में बेहतर काम हुए हैं। भूमि संबंधी जानकारियां आम लोगों को आसानी से उपलब्ध हो रही है। जमीन से जुड़ी जानकारियां ऑनलाईन मौजूद है और बरसों पुराने महत्वपूर्ण दस्तावेजों का व्यवस्थित संधारण करने का काम किया गया है। 


नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राज्य स्तर पर भू-अभिलेखों के डिजिटाईजेशन और प्रबंधन के लिए सचिव राजस्व विभाग  नीलम नामदेव एक्का, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक किरण कौशल, संचालक भू-अभिलेख श्री रमेश शर्मा ने राष्ट्रपति के हाथों भूमि सम्मान प्राप्त किया। इसी प्रकार जिला स्तर पर भू-अभिलेखों के डिजिटाईजेशन और प्रबंधन के लिए बेमेतरा कलेक्टर श्री पीएस एल्मा और सरगुजा कलेक्टर श्री कुंदन कुमार को भी भूमि सम्मान प्लेटिनम सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। 


गौरतलब है कि डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) अंतर्गत प्रदेश में भूमि प्रबंधन से जुड़े 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी तरह भूमि प्रबंधन से जुड़े चार घटकों लैण्ड रिकार्ड का डिजिटाइजेशन, पंजीयन कार्यालय का तहसील कार्यालय से समन्वय, मॉर्डन रिकार्ड रूम तथा सर्वे-रिसर्वे का कार्य प्रदेश के सरगुजा और बेमेतरा जिले में शतप्रतिशत पूर्ण हो चुका हैं। ये जिले भूमि प्रबंधन में देश के शीर्ष जिलों में शामिल हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेजी से कार्य पूर्ण हो रहे हैं।


भू-अभिलेखों के डिजिटाईजेशन का मिल रहा 

लोगों को सीधा फायदा


भूमि संबंधी सभी रिकार्ड्स के डिजिटाईजेशन से लोगों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारियां रियल-टाइम पर उपलब्ध हो रही है। इस जानकारी को मोबाइल से कही से भी और किसी भी वक्त इंटरनेट के माध्यम से देखा जा सकता है। भूमि संबंधी रिकार्ड के डिजिटाईजेशन और इसके प्रबंधन से भूमि संबंधी जानकारी अब लोगों की आसान पहुंच में है। लोगों को भूमि संबंधी अभिलेख प्राप्त करने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे है। 


लोगों को आसानी से सभी अभिलेख मिलने से जमीन से जुड़े धोखा-धड़ी के मामले में भी कमी आयी है। भूमि संबंधी न्यायालयों में मुकदमें भी कम हुए है। भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण से ऐसे प्रमाण पत्र जिनमें भू-अभिलेखों की जानकारी की आवश्यकता होती है उन प्रमाण पत्रों के लिए आसानी से दस्तावेज उपलब्ध हुए है। इससे लोगों को आसानी से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र मिल रहा है। इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य नागरिक को राईट ऑफ रिकार्ड (रिकॉर्ड का अधिकार) भी सुनिश्चित करना है। 


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