बालोद। जिले के शासकीय प्राथमिक शाला बीजाभांठा में पदस्थ सहायक शिक्षिका उषा बोरकर पर शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों ने शाला अनुदान की राशि में...
बालोद। जिले के शासकीय प्राथमिक शाला बीजाभांठा में पदस्थ सहायक शिक्षिका उषा बोरकर पर शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों ने शाला अनुदान की राशि में अनियमितता, शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों के साथ अभद्रता, स्कूल में आय व्यय की सही जानकारी नहीं देने व मनमर्जी करने का आरोप लगाते हुए शिक्षा विभाग से इसकी शिकायत की थी। इसकी विकासखंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा ने जांच कराई। जांच में शिकायत सही पाई गई। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के मुताबिक पूर्व में उषा बोरकर को शासकीय प्राथमिक शाला हरदी, विखं डौंडीलोहारा में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अध्यापन कार्य के लिए संलग्न किया गया। शासन के संलग्नीकरण आदेश समाप्त करने के आदेश के बाद शिक्षिका ने पुन: प्राथमिक शाला बीजाभांठा में कार्यभार ग्रहण किया था। लेकिन जांच के बाद प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डीपी कोसरे ने शिक्षिका का यह कृत्य शासकीय कार्य के प्रति गैर जिमेदाराना, लापरवाही, पदीय दायित्वों की उपेक्षा एवं स्वैच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है, जो छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (1) (2) (3) के विपरीत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है।
छग सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-09 (1) (क) के तहत उषा बोरकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है। निलंबन अवधि में उषा बोरकर सहायक शिक्षक (एलबी) को मुयालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, डौंडीलोहारा में अटैच किया गया है। निलंबन काल में उक्त लोक सेवक को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
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